एक मुलाक़ात....❣️( भाग - 25 )
आरव अपने रूम कि खिड़की के पास खड़ा था और अभी भी उसके दिमाग में विद्युत और उसकी बातें घूम रही थी वो यही सोच रहा था कि कैसे वो विद्युत का सच सामने लाएगा और अनिशा को बचाएगा वो यही सब सोचने में व्यस्त था कि उसके फोन पर रिंग हुआ देखा तो अनिशा का था उसने कॉल पिक किया ।।
अनिशा - हम्म तो अभी तक जग रहे हो क्यूँ सोए क्यूँ नहीं ।।
आरव - तुम भी तो अभी तक सोई नहीं ।।
अनिशा - हम्म अच्छा है मेरा सवाल मुझसे हि ।।
आरव - हा तो सवाल हि ऐसा क्यूँ पूछा जब खुद भी नहीं सोई तो ।।
अनिशा मुस्कुरा दी और बोली - अच्छा ठीक है ना मान लिया सवाल गलत था !! अब ये बताओ क्यूँ परेशान हो ।।
आरव ने झट से पूछा - तुमको कैसे पता चला कि मैं परेशान हूँ ।।
अनिशा मुस्कुराते हुए बोली - वो ऐसे क्यूँ कि जो मेरा इर्रिटेटिंग झेंगूर है ना वो कभी इतना शांत नहीं रहता पर आज है मतलब कोई बात है ।।
उसकी बात सुन आरव भी मुस्कुरा दिए और बोला - नहीं कुछ खास नहीं मैं ठीक हूँ ,,,,, वैसे कल मैं विवान के साथ हूँ तो कल मैं तुमसे नहीं मिल पाऊँगा ।।
अनिशा - हा मैं भी कल मिशा के साथ हि रहूंगी कल उसके घर लड़के वाले उसे देखने आ रहे है ।।
उसकी बात सुन आरव चौक के बोला - क्या ये क्या बोल रही हो ये कब हुआ और तुमने बताया क्यूँ नहीं ।।
अनिशा ने उसे शांत कराते हुए बोली रिलेक्स आरव आज हमें मिशा ने कुछ बात करने के लिए बुलाया था तब बताया उसने फिर (अनु ने सारी बात उसे बताई ) और तुम्हें बताना भूल गई क्योकि अनाया कि तबियत खराब हो गई थी ।।
आरव - हम्म ये सब क्या हो रहा एक हमारे लव स्टोरी में तुम्हारा सो कॉल्ड क्रश विद्युत आ गया यहाँ बिना विलेन के हि सियापे हो रहे है विद्युत वाली बात सुन फोन के दूसरी तरफ अनिश गुस्से से लाल हो गई और बोली ऐसा है मैंने उसे नहीं बुलाया था ठीक है ना वो आ गया और मुझे नहीं पता था कि वो इतना गिरा हुआ इंसान है वरना कभी ऐसा इंसान से ....... इसे आगे बोलते बोलते वो रुक गई आरव को अंदाज़ा हो गाय कि वो क्या बोल गया ।।
आरव - सॉरी मैं वो .....वो इतना हि बोला था कि अनिशा ने गुस्से में कॉल कट कर दिया आरव ने अपनी आंखे भीच ली और फोन बैड पर रख दिए और अपना सर पकड़ बोला - डैम ये क्या किया आरु कुछ तो सोच कर बोला कर अब कर दिया ना हर्ट ,,,,उसकी क्या गलती है उसे कोनसा पता था ये इंसान कितना कमीना और गिरा हुआ है ,,,,,,खैर अब तो कल हि मना पाऊँगा कोई ना ज्यददेर् आरव से कोई नाराज़ नहीं रह सकता और वो मुस्कुरा के अनु को सॉरी और बहुत सारे हार्ट के स्टिकर बेज कर फोन रख सो गया ।।
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NEXT DAY
अनिशा मिशा के साथ रूम में थी मिशा उदास सी बेड पर बैठी थी मिशा कि मम्मी आई और बोली "बेटा जी आप रेडी नहीं हुई वो लोग आते हि होंगे" फिर अनिशा को देखो बोली " बच्चा इसे तैयार करो तुम भी बैठी हो ऐसे हि" अनिशा ने हा मे गर्दन हिला दी कुसुम जी वहां से चली गई ।।
अनिशा ने मिशा से कहा - जान तू क्यूँ अपसेट हो रही है देख ना आंटी कोई प्रेशर नहीं डाल रही है जो तुझे ठीक लगे वो करियो बस अब चल रेडी हो जा ,,,,, मैं भी देखु ये कौन है जो मेरी जान का जीवनसाथी बने आ रहा है
मिशा ने उसकी बात दूनी और कपड़े ले कर और बदलने चली गई ,,,,, कुछ देर बाद घर के बाहर एक कार आ के रुकी उसमें से एक कार से एक आदमी और औरत निकले उन्हें देख मिशा कि मम्मी पापा उनके गले लगे और हल चल पूछें फिर बोले "भाई साहब बेटा जी कहा है "
गुर्वीर जी - वो अपने दोस्त के साथ है आ रहा वो देखिये ,,,,,,तो सबने देखा सामने से विवान आरव के साथ आ रहा था,,,,, तो मिशा कि मम्मी और पापा के चेहरे पर मुस्कान आ गई ।।
कुसुम जी - अमृता तेरा बेटा कितना बड़ा हो गया है जब तुम सब यहाँ से लंदन गए थे तब कैसा था अब देखो एकदम बादल गया ।।
विवान मुस्कुरा दिया सब लोग अंदर आ गया कुसुम जी ने नौकरो को चाय नास्ता लाने को कहा सब बैठ कर बातें करने लगे तब अमृता जी ने लड़की को लाने ले लिए कहा तो कुसुम जी रूम में आ गई ।।
वहां मिशा और अनिशा बैठे थे उन्होंने अनु से मिशा को नीचे लाने को बोला अनु मिशा के साथ बाहर आने लगी मिशा बेमन से चल रही थी उसने अपना चेहरा नीचे किया हुआ था ,,,,, अनु उसे नीचे लाई पर सामने आरव और विवान को देख चौक गई विवान ने उसे देख इशारे से चुप होने को बोल दिया आरव अपने फोन पर किसी से बात कर रही थी,,,,, अनिशा नासमझी से बस मिशा को लिए आ रही थी मिशा ने एक बार भी अपनी गर्दन ऊपर नहीं कि विवान उसे हि देख रहा था और समझ भी रहा कि उसके दिल पर क्या बीत रही होगी अनु ने मिशा को वहां बैठा दिया और खुद आरव के बगल में कड़ी हो गई आरव का पूरा ध्यान फोन में था उसे अभी तक पता नहीं था कि सामने कौन है अनु उससे नाराज़ थी उसे और ज्यादा गुस्सा आ रहा था जब आरव को लगा कि कोई उसे घूर रहा है उसने अपनी नज़रे उठा के सामने देखा फिर बगल में तो वहां अनु को देख शोक्ड हो गया फिर सामने देखा तो मिशा सर झुकाये बैठी थी उसे भी कुछ समझ नहीं आया उसने विवान को देखा तो विवान ने इशारे से उसे शांत होने को बोला वो शांति से बैठ गया ।।
अमृता जी - कैसी हो बेटा जी ।।
मिशा (सर झुकाये हि बोली) - जी अच्छी हूँ ।।
अमृता जी - हम्म बहुत प्यारी लग रही हो आप ।।
मिशा - वैसे हि रही और बोली थैंक यू ।।
अमृता जी (मुस्कुरा दी वो बोली ) -कुसुम क्यूँ ना बच्चो को अकेले में बात करने को भेज दे यहाँ हमारे सामने ज्यादा कुछ बोल नहीं पाएंगे कुसुम जी ने हा बोल दिया और अनिशा को बोल दोनों को ऊपर जाने को बोल दिया मिशा सर झुकाये हि ऊपर आने लगी विवान भी पीछे पीछे चल दिया ।।
आरव भी उसके पीछे हो लिया उसने विवान को पीछे से खींचा और घुरते हुए बोला - "साले ये सब क्या हो रहा है कुछ समझ नहीं आ रहा तू बताएगा ये सब चल क्या रहा है तू लड़की देखने जा रहा था यहाँ आ गया पर कैसे "
उसकी बात सुन विवान मुस्कुरा दिया और बोला बताता हूँ पर पहले अपने लिए लड़की तो देख्लु में देखना तेरी भाभी कितनी शांत है 😂😂
आरव - साले वो शांत है क्यूँ कि उसे पता नहीं है उसे लग रहा होगा पता नहीं कौन लंगूर है 😂😂 उसकी बात सुन विवान ने उसे घुरा और वहां से खिज्ते हुए चला गया
ऊपर अनिशा मिशा को वहां बैठा के चली गई विवान भी आ कर मिशा के सामने बैठ गया मिशा अभी भी सर झुकाये बैठी थी उसकी आंखे नचाह्ते हुए भी नम थी विवान उसे देखा जा रहा था मिशा बिना कुछ बोले बस सरा नीचे किये बैठी थी उसने एक बार भी उसे नहीं देखा ।।
विवान - हम्म तो अब क्या मुझे देखोगी भी नहीं ये आवाज़ सुन मिशा कि आंखे चोड़ी हो गई उसने झट से सर को ऊपर कर के देखा तो सामने मुस्कुराता हुआ विवान बैठा था उस देख मिशा को अपनी आँखों पर हि यकीं नहीं हुआ उसने एक दो बार आंखे झपकाइ कि कहीं ये ख्वाब तो नहीं पर नहीं ये तो उसकी हकीकत थी उसकी आँखों में रुके आंसू बेह आए वो भाग के गई और विवान को गले लगा लिया विवान ने भी उसे बाहों में कस लिया कुछ देर ऐसे हि रहने के बाद दोनों अलग हुए विवान ने उसके आंसू पोछे तो मिशा बोली
मिशा सुबक्ते हुए - ये....ये..... सब कैसे,,,, कैसे हुआ विवान तुम.....तुम तो आज कहीं और .....पर यहाँ ,,,, ये क्या हो रहा है बताओगे मुझे ,,,,,, तुम्हें पता है मुझे कितना डर लग रहा था लगा जैसे आज...... "श्शश"
विवान ने रोकते हुए बोला - कुछ नहीं होता क्यूँ ये वाली मेरी है किसी और को कैसे ले जाने देता अब चुप फिर मैं सब बताऊंगा ये बोल उसे चुप कराया तब तक अनु और आरव भी आ गए विवान ने उन्हें भी बुकय और बताना शुरू किया
विवान - ज़रा सल बात ये है कि मम्मी ने मेरे लिए मिशा को हि चूना था ,,,,, मिशा कि मम्मी और मेरी मम्मी बचपन कि दोस्त है दोनों मम्मीयो ने एक दूसरे से वादा किया था कि वो अपने बच्चो कि शादी एक् दूसरे से हि करेंगे ,,,,, कस्ट के लिए मैं डर रहा था बट ऐसा कुछ नहीं था दादू भी खुश है क्यूँ कि मिशा उन्हें पसंद आ गई है ,,,,, बाकी बात बाद मे बताऊंगा अभी लड़की से पूछ तो लू इसे ये लड़का पसंद है कि नहीं वरना कोई बात नहीं मैं दूसरी देख लेता हूँ
ये सुन मिशा ने घूरते हुए उससे बोली - ऐसा है ज्यादा बनने कि जरुरत नहीं है समझे ना तुम चुपचप रहो,,,, तुम मेरे हो मेरे हि रहोगे,,,, बड़ा किसी और को देख लूँगा वाले ।।
ये सुन् सब तीनो हंस दिए सब साथ में नीचे आ गए मिशा रूम में आ गई विवान ने अमृता जी के पूछने पर हा कर दी कुसुम जी ने मिशा से पूछा तो उसका भी हा था सब ने मुँह मीठा किया पंडित जी ने सगाई कि डेट दो दिन बाद कि फिक्स कर दी बाकी लोग शगुन कर के वहां से चल दिए ।।
जब ये बात सब दोस्तों को पता चली सब खुश हो गए सब "विशा" कि सागाइ कि तयारी मे लग गए एक दिन पूरा शॉपिंग और बाकी कामो में निकल गए इन सब मे आरव अनिशा का मिलना भी नहीं हो पाया और आरव भी ये भूल गया कि अनिशा उससे नाराज़ है पर उसने उसके लिए भी सब तयारी हुई थी बस कल सागाइ कि शाम का इंतज़ार था ।।
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💞सुधा यादव💞
सिया पंडित
21-Feb-2022 05:36 PM
काफी इंटरेस्टिंग कहानी है आपकी।
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